इस 500 पृष्ठ कि बृहत् पुस्तक में हमारी उज्जवल भारतीय सांस्कृति के 150 से अधिक विभिन्न विषयों पर लिखे हुए आसावरी, अड़ाना, अल्हैया बिलावल, बंजारा, मिश्र, बागेश्री, भैरव, भैरवी, बहार, भीमपलासी, बरहंस, भूपाली, देशकार, देस, दरबारी कान्हड़ा, दुर्गा, धुनी, गौड़ मल्हार, होरी खमाज, हमीर, भिन्न षड्ज, बिहाग, बिलावल, हिंडोल, तिलंग, तिलक कामोद, जंगला, जोगीया, जौनपुरी, जयजयवंती, केदार, काफी, कलावती, मालकंस, मारवा, मुल्तानी, शंकरा, शुद्ध सारंग, पीलू, प्रमाती, पूर्वी, पूरिया, पूरिया धनाश्री, रामकली, रासडा, रत्नाकर, खमाज, तोड़ी, वृंदावनी सारंग, यमन कल्याण, आदि 60 राग और अभंग, बालानंद, भुजंगप्रयात, चौपाई, दोहा, शिखरिणी, लावणी, शार्दूलविक्रीडित, श्लोक, पृथ्वी, वसंततिलका, आदि 12 छंदों के दादरा ताल, रूपक ताल, तीव्र ताल, कहरवा ताल, झप ताल, एक ताल, चौताल, तीन ताल, दीपचंदी ताल, और धमार ताल, आदि 12 तालों पर लिखे हुए हमारे नए गीतों में से मनोरम संगीतमय 668 गीत चुन कर प्रस्तुत किए हैं.