Pratap ChauhanAbout the Author: लेखक का जन्म 20 अगस्त 1977 में उत्तर प्रदेश केजिला- फिरोजाबाद अंतर्गत तहसील जसराना के एक छोटे से गाँव में हुआ था। उनका जीवन बहुत ही संघर्षमय रहा। लेकिन उन संघर्षों में भी लेखक ने अपने जीवन को आनंदमय बनाकर हर कार्य सफल किए। भारतीय नौसेना में सेवा के माध्यम से लेखक ने अपनी जिंदगी के 15 वर्ष राष्ट्र को समर्पित किए। इन 15 वर्षों में समस्त पूर्वी देशों की यात्रा की करके उन देशों की संस्कृति को जाना। लेखक प्रताप चौहान का मानना है कि भारतीय संस्कृति दुनिया की सबसे श्रेष्ठ संस्कृति है। भारतीय संस्कृति का प्रभाव पूरे विश्व में देखने को मिलता है। विश्व के अधिकांश लोग भारतीय तौर तरीकों को अपनाते हैं। भारतीय संस्कृति जीवन दर्शन का महत्वपूर्ण स्रोत है। भारतीय समाज कई आयामों का सार है। लेखक ने भारतीय समाज के विभिन्न आयामों पर आधारित कविताएं, कहानियां लिखी हैं। पिछले वर्ष स्टोरी मिरर द्वारा सितंबर 2021 में 'काव्य मंथन' पुस्तक प्रकाशित हुई। वर्ष 2022 में 'कहानी गंज तथा 'बेरोजगार की विजय' जैसे पुस्तकें प्रकाशित हुई है। हमारा समाज विभिन्न विचारधाराओं में विभाजित होकर भी संगठित रहता है। विचारधाराओं में मतभेद होते हुए भी जनमानस में सामंजस्य दिखता है। इस प्रकार का सामंजस्य अन्य देशों में नहीं दिखता। भारतीय समाज कहानियों का स्रोत है। भारत भूमि ऋषि-मुनियों तथा वीर पुरुषों की भूमि है। इसलिए यहां पर प्रेरणादायक कहानियां, रोमांचक कहानियां, अनकही कहानियां हर व्यक्ति को जुबानी याद रहती हैं। उन्ही कहानियों के आधार पर लेखक काल्पनिक कहानियां लिखने में सफल रहते हैं। इसी क्रम में लेखक ने स्टोरीमिरर प्रकाशन,मुंबई (महाराष्ट्र) तथा केएफसी प्रकाशन, लखनऊ (उत्तर प्रदेश) के सहयोग से गद्य और पद्य विधा में कई कृतियां प्रकाशित कराई हैं। Read More Read Less
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