J P Baghel

J P Baghelडॉ. जे. पी. बघेल हिंदी के बहुमुखी प्रतिभा से स#2350;्पन्न साहित्यकार हैं। गीत, गजल, कविता, कुंडलिया, इतिहास, जीवनी, समाजशास्त्र एवं शोध-परक लेखों की उनकी पन्द्रह पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं। वे इतिहास की एक पुस्तक पर उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान से तथा लोकगीतों की एक पुस्तक पर महाराष्ट्र राज्य हिंदी साहित्य अकादमी से पुरस्कृत हो चुके हैं। अन्य अनेक संस्थाओं से सम्मानित हुए हैं। डॉ बघेल ने 'मुंबई के हिंदी कवि' तथा 'मुंबई की हिंदी कवियत्रियाँ' नामक दो काव्य-संकलनों का संपादन किया है। त्रैमासिक पत्रिका 'काव्या' के सह-संपादक रहे हैं। अनेक प्रतिष्ठित संकलनों, पत्र-पत्रिकाओं में रचनाएँ प्रकाशित हुईं हैं। आप मुंबई ही नहीं बल्कि देश के साहित्यकारों में जाने पहचाने जाते हैं। उत्तर प्रदेश के मथुरा जिले में जन्मे, पले-बढ़े मुंबई निवासी डॉ. जे. पी. बघेल भारतीय दूरसंचार सेवा के सेवानिवृत्त उच्चाधिकारी हैं। इन्होंने आगरा विश्वविद्यालय से एमएससी (गणित), मुंबई विश्वविद्यालय से हिंदी में एमए, पत्रकारिता का पीजी डिप्लोमा और पीएचडी पूरी की है। मुंबई की अत्यंत प्रतिष्ठित साहित्यिक-सांस्कृतिक संस्था 'आशीर्वाद' के आप सांस्कृतिक सचिव हैं]। सामाजिक संस्था 'महारानी अहिल्यादेवी समाज प्रबोधन मंच महाराष्ट्र राज्य, मुंबई' के महासचिव हैं। इंडियन हिस्ट्री कांग्रेस के आजीवन सदस्य हैं। हिस्ट्री कांग्रेस के वार्षिक अधिवेशनों में दर्जनों शोधपत्र प्रस्तुत कर चुके हैं। आप सामाजिक और साहित्यिक गतिविधियों में निरंतर सक्रिय हैं। Read More Read Less

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दोहों में परधान (Dohon Mein Pardhan)NR
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₹893
Binding:
Paperback
Release:
27 May 2022
Language:
Hindi
International Edition
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